प्रोस्टेट ग्रंथि (Grade 1 Prostatomegaly in Hindi) अखरोट के आकार की एक ग्रंथि होती है जो पुरुषों के मूत्राशय के ठीक नीचे स्थित होती है।
यह पुरुष के प्रजनन अंगों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है।
प्रॉस्टेट ग्रंथि को पौरूष ग्रंथि भी कहते हैं इसका मुख्य कार्य वीर्य को बनाना और स्त्रावित करना, टेस्टोस्टेरोन को नियंत्रित करना, पेशाब होने की प्रक्रिया को सरल बनाना और नियंत्रित करना तथा PSA नामक एंजाइम को बनाना होता है।
जब किसी कारणवश यह ग्रंथि अपने आकार में बढ़ने लगती है तो इस स्तिथि को प्रोस्टेटोमेगली कहते हैं।
अगर इसका ईलाज न किया जाए तो आगे चलकर यह कैंसर तक बन जाती है।
जब प्रॉस्टेट ग्रंथि बढ़ना शुरू करती है और यह बीमारी अपने आरंभिक दौर में होती है तो इस बीमारी को ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली (Grade 1 Prostatomegaly) कहते हैं।
ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली (Grade 1 Prostatomegaly in Hindi)
ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली का मतलब होता है प्रॉस्टेट ग्लैंड का बढ़ना और ग्रेड 1 में यह बीमारी अपने शुरुआती दौर में ही होती है।
कई मामलों में तो मरीज को ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली के लक्षण भी नहीं दिखाई देते हैं।
यह अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन में आसानी से दिख जाता है।
ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली (Grade 1 Prostatomegaly in Hindi) होने का कारण
बढ़ती उम्र
टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का कम होना
प्रोस्टेट में इन्फेक्शन या इंफ्लामेशन
प्रॉस्टेट बीमारी का पारिवारिक इतिहास
मोटापा
शराब और धूम्रपान
शारीरिक श्रम ना करना
कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव
ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली के (Grade 1 Prostatomegaly in Hindi) लक्षण
बार बार पेशाब होना
पेशाब आने में देर लगना
पेशाब की धार कमजोर होना
पेशाब करने के बाद भी भरा सा महसूस होना
पेशाब करते वक्त जोर लगना
ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली (Grade 1 Prostatomegaly) की जांच
अल्ट्रासाउंड
सीटी स्कैन
PSA टेस्ट
हाथों द्वारा निरीक्षण
ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली (Grade 1 Prostatomegaly) का ईलाज
ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली में ऑपरेशन की जरूरत नहीं होती है।
दवाइयों से इसे कंट्रोल किया या ठीक किया जा सकता है।
ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली में दी जाने वाली दवाईयां हैं
Alpha Blockers
5 Alpha Reductase Inhibitors
Tadalafil
ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली (Grade 1 Prostatomegaly) होने पर जीवन शैली में क्या परिवर्तन करने चाहिए
जीवन शैली में परिवर्तन करके आप ग्रेड 1 प्रोस्टेटोमेगली को नियंत्रित कर सकते हैं जैसे
चाय और कॉफी का सेवन कम कर दें या बंद कर दें
सोने से पहले तरल पदार्थों का सेवन ना करें
फाईबर युक्त भोजन करें
मोटापा कम करें या वजन को नियंत्रित रखें
नियमित रूप से योग या कसरत करें
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