पूरे विश्व में इस वक्त हर 7 में से एक व्यक्ती माइग्रेन से पीड़ित है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को माइग्रेन होने की संभावना 3 गुना अधिक होती है।
माइग्रेन एक तंत्रिका तंत्र (Neuroligical Disorder) सम्बंधी विकार है जिसमें मरीज को आधे सिर में तेज दर्द होता है जो कुछ देर से लेकर कई घंटों तक रह सकता है।
माइग्रेन का मुख्य कारण तनाव होता है लेकिन कई अन्य कारण भी होते हैं जो माइग्रेन के दर्द को उत्तेजित करते हैं।
आईए जानते हैं विस्तार से
माइग्रेन के लक्षण
आधे सिर में या किसी एक तरफ तेज दर्द
उल्टी जैसा महसूस होना या उल्टी होना
प्रकाश की तरफ देखने का मन न करना
धुंधला दिखाई देना
ठंड लगना
चक्कर आना
भ्रमित रहना
तेज आवाज में उलझन होना या सिर दर्द शुरू हो जाना
माइग्रेन में मुख्यता तेज सिर दर्द ही होता है और अन्य लक्षण इसके साथ शुरू हो जाते हैं।
जरूरी नहीं की माइग्रेन के मरीज को सारे लक्षण आएं।
सिर दर्द के अलावा बाकी सारे लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में अलग अलग होते हैं।
माइग्रेन का कारण
माइग्रेन होने का मुख्य कारण अभी तक ज्ञात नहीं है लेकिन डॉक्टर्स मानते हैं की कुछ ऐसे कारण हैं जो माइग्रेन करते हैं जैसे
अनुवांशिक कारण - अगर किसी व्यक्ति के माता पिता में से किसी एक को भी माइग्रेन की समस्या है तो उस व्यक्ती में माइग्रेन होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
हार्मोन का असंतुलन - शरीर में हार्मोन का असंतुलन भी माइग्रेन का एक मुख्य कारण है।
खासकर महिलाओं में पीरियड्स के समय एस्ट्रोजन हार्मोन में बदलाव होने के कारण माइग्रेन का दर्द शुरु हो जाता है।
न्यूरोलॉजिकल विकार - मरीज क्या दिमाग जब असामान्य इलेक्ट्रिक सिग्नल (Cortical Spreading Depression) देना शुरू कर देता है तो
हमारे शरीर में खून बहने की गति असामान्य हो जाती है और इस वजह से शरीर में इन्फ्लेमेशन होता है और कई प्रकार के केमिकल्स निकलने शुरू हो जाते हैं जिनकी वजह से माइग्रेन का दर्द शुरु हो जाता है।
अन्य कारक - माइग्रेन दर्द के होने का एक मुख्य कारण किसी खास चीज के प्रति संवेदनशीलता (सेंसिटिविटी) भी है।
जैसे तेज आवाज, तेज रोशनी, तेज महक, खास भोजन के कारण, तनाव, मौसम बदलने पर, नींद ना आने के कारण ईत्यादि।
इस तरह के अनेक कारण हैं जो व्यक्ती में माइग्रेन का दर्द शुरु करते हैं।
ईलाज के पहले डॉक्टर इन्हीं कारणों का पता लगा कर इनसे दूर रहने को बोलता है।
माइग्रेन कितने प्रकार का होता है
माइग्रेन कई प्रकार का होता है लेकिन माइग्रेन को मुख्यता दो प्रकार का ही माना जाता है
सामान्य माइग्रेन (Migraine Without Aura)
इस तरह के माइग्रेन में मरीज को सिर के एक तरफ तेज दर्द होता है और साथ में उल्टी महसूस होना, उल्टी होना, प्रकाश और तेज आवाज के प्रति संवेदनशीलता (Sensitivity) हो जाना जैसे लक्षण महसूस होते हैं।
क्लासिक माइग्रेन (Migraine With Aura)
इस तरह के माइग्रेन में मरीज को माइग्रेन के दर्द शुरु होने से पहले ही कुछ लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं जैसे प्रकाश की तेज रोशनी दिखाए देना, तिरछी लकीरें दिखाई देना, धुंधला दिखाई देना, कुछ देर के लिए कम दिखाई देना या ना दिखाई देना, बोलने में दिक्कत होना, चेहरे सुन्न महसूस होना या सुई सा चुभना ईत्यादि।
इस तरह के माइग्रेन में हमारे सेंसेज डिस्टर्ब हो जाते हैं।
इनके अलावा भी कुछ तरह के माइग्रेन होते हैं जैसे
क्रॉनिक माइग्रेन - क्रॉनिक माइग्रेन वह होता है जब मरीज को एक महीने में 15 दिन से अधिक सिर दर्द किया करता है और ऐसा कम से कम 3 महीने तक होता है।
पीरियड्स के समय होने वाला माइग्रेन - इस तरह का माइग्रेन महिलाओं को उनके पीरियड्स के समय होता है।
इस तरह के माइग्रेन का मुख्य कारण शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में बदलाव होता है।
इनके अलावा कुछ और माइग्रेन होते हैं जैसे
रेटिनल माइग्रेन, वेस्टीबुलार माइग्रेन, हेमीप्लेजिक माइग्रेन और ऑक्यूलर माइग्रेन।
कौन से ऐसे कारक हैं जो माइग्रेन को उत्तेजित करते हैं
माइग्रेन के अटैक को शुरू करने के कई सारे कारक होते हैं और यह कारक हर व्यक्ति में अलग अलग होते हैं जैसे
धुआं
शराब
कैफ़ीन युक्त ड्रिंक
नसों को फैलाने वाली दवाएं (Vasodilator)
अधिक शारीरिक मेहनत
डिहाइड्रेशन
तेज रोशनी
तेज आवाज
तेज महक
मौसम बदलना
नींद ना आना
तनाव
जंक फूड
प्रोसेस्ड फूड
MSG युक्त फूड
मांस
पुराना पनीर
किसी एक समय का भोजन न खाना
इस तरह के कई कारण होते हैं जो माइग्रेन के दर्द को उत्तेजित करते हैं और यह कारण हर व्यक्ती में अलग अलग होते हैं।
मरीज को जिस भी कारण से माइग्रेन का दर्द शुरू होता है, उस कारण को पहचान कर उससे दूर रहना चाहिए।
माइग्रेन का ईलाज
माइग्रेन के इलाज में सबसे पहला काम ये करना होता है की सिर में हो रहे तेज दर्द को कम करें।
इसके लिए कई सारे OTC ब्रांड्स उपलब्ध हैं जिन्हें लेकर आप भयानक सिर दर्द से आराम पा सकते हैं जैसे
Naproxen 500 mg
Triptans
Ergots
Ibuprofen
Acetaminophen ईत्यादि।
ये सारी मेडिसिन आसानी से मिल जाती हैं और इन्हें लेकर आप दर्द में राहत पा सकते हैं।
इन सबमें Naproxen, Triptans और Ergots सबसे प्रभावी दवाई होती है माइग्रेन के दर्द में।
दवाई के साथ साथ मरीज को उन सभी चीजों से दूर रहना चाहिए जो माइग्रेन को उत्तेजित करती हैं।
नियमित योग करने से भी माइग्रेन में बहुत लाभ मिलता है।
क्या माइग्रेन का पूरी तरह ईलाज है
नहीं, माइग्रेन पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता लेकिन आप इसके ट्रिगर्स से खुद को दूर करके इसके आने की फ्रीक्वेंसी को कम या बहुत कम कर सकते हैं।
मान लीजिए की आपको हर महीने में एक या दो बार माइग्रेन का दर्द होता है तो आप माइग्रेन के ट्रिगर्स को पहचान कर इससे दूर रहें तो आपका माइग्रेन का दर्द हो सकता है साल भर ना हो।
क्या उम्र बढ़ने के साथ माइग्रेन बढ़ता है
नहीं, माइग्रेन मुख्यता जवानी की उम्र में शुरू होता है और 20 से लेकर 45 तक यह मरीज को बहुत परेशान करता है।
फिर 45 के बाद इसके अटैक होने कम होते जाते हैं या फिर लंबे समय बाद होते हैं।
हालांकि सभी मामलों में ऐसा नहीं होता है।
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