रूबेला टेस्ट प्रेगनेंसी में क्यों होता है | Meaning of Rubella in Hindi

 
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Rubella IgG in Hindi - रूबेला एक संक्रामक बीमारी है जो वायरस के कारण फैलती है। रुबेला को जर्मन खसरा (German Measles) भी कहते हैं लेकिन यह खसरा नहीं होता है। 
 
रुबेला एक इंसान से दूसरे इंसान में खांसने, छीकने या बॉडी फ्लूइड से फैलता है और रुबेला RuV (Rubivirus) वायरस के कारण फैलता है।
 
रुबेला पुरुषों और महिलाओं में तो अधिक समस्या नहीं करता लेकीन यह गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए बहुत खतरनाक होता है।
 

रूबेला के लक्षण - Symptoms of Rubella in Hindi

अधिकतर मामलों में रुबेला से संक्रमित होने पर शुरू के दो हफ्ते तक कोई लक्षण नहीं दिखाई देते और उसके बाद लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं जो हफ्ते भर तक रहते हैं। ये लक्षण हैं

1) हल्का बुखार
 
2) सर दर्द
 
3) नाक बहना
 
4) लाल और खुजलाने वाली आंखे
 
5) जोड़ों में दर्द
 
6) चेहरे, गर्दन, हाथ, पैर और सीने में लाल चकत्ते पड़ जाना जो कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं
 
7) टॉन्सिल्स का बढ़ जाना (Lymph Nodes)
 

रुबेला इंफेक्शन से क्या समस्याएं हो सकती हैं - Complication Due to Rubella Disease in Hindi

रुबेला आदमियों और बच्चों में बहुत ही कम होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए पहले 12 हफ्ते बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। 
 
गर्भवती महिलाओं में अगर रुबेला इंफेक्शन हो गया तो यह पेट में पल रहे बच्चे पर बहुत ही घातक प्रभाव डालता है और अधिकतर मामलों में गर्भपात हो जाता है और गर्भपात ना हुआ तो  बच्चे को निम्न समस्याएं दे सकता है

1) बहरापन
 
2) अंधापन
 
3) गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास ना होना
 
4) दिमाग का विकसित ना होना
 
5) हार्ट का ढंग से काम ना करना
 
6) भ्रूण में पल रहे बच्चे के अंगों का ढंग से विकसित ना होना
 
7) थाइराइड की समस्या
 
8) डायबिटीज  
 
रुबेला होने पर कुछ अन्य दिक्कते भी हो सकती हैं

रुबेला होने पर वयस्कों को कोई समस्या नहीं होती और पुरुषों, बच्चों में तो यह बहुत ही कम मामलों में दिक्कत पैदा करता है। लेकिन कुछ महिलाओं में यह निम्न दिक्कतें पैदा कर सकता है जैसे
 
1) आर्थराइटिस
 
2) प्लेटलेट्स का कम होना
 
3) दिमाग में सूजन
 

रुबेला से कैसे बचें - Prevention From Rubella in Hindi

रुबेला से बचने का सबसे आसान तरीका है वैक्सीन, यह वैक्सीन MMRV (Measles Mumps Rubella Varicella) वैक्सीन के नाम से जानी जाती है। 
 
बच्चों में यह वैक्सीन 12 से 15 महीने के बीच में दी जाती है और फिर दुबारा 4 से 6 साल के बीच में दी जाती है। 
 
अगर महिलाएं प्रेगनेंसी के बारे में सोच रहीं हैं और उनको रुबेला की वैक्सीन नहीं लगी है तो उनको गर्भ धारण के कम से कम 6 हफ्ते पहले ही वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।
 

रुबेला की जांच - Diagnosis of Rubella in Hindi

गर्भवती महिलाओं में रुबेला की जांच के लिए टॉर्च टेस्ट किया जाता है। 
 
इसके अलावा आप अलग से भी रुबेला की जांच करवा सकती हैं इसकी जांच के लिए नाक से या गले से लार के नमूने लिए जाते हैं जैसे कोविड की जांच के लिए किए जाते हैं ठीक उसी तरह, जबकि टॉर्च टेस्ट में ब्लड सैंपल लिया जाता है। 

रूबेला की जांच के लिए यूरिन सैंपल भी लिया जाता है। 

रुबेला का ईलाज - Treatment of Rubella in Hindi

रुबेला वायरस से फैलने वाली बीमारी है इसलिए एंटी बैक्टिरियल इस पर असर नहीं करती है। 
 
अधिकतर मामलों में इसके ईलाज की जरूरत नहीं होती है और यह कुछ दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है। 
 
अगर आप गर्भवती हैं तो रुबेला के संक्रमण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
 

रुबेला से कैसे बचें - Prevention from Rubella Disease in Hindi

रुबेला सबसे अधिक गर्भवती महिला के पेट में पल रहे बच्चे को ही प्रभावित करता है। इससे बचने के लिए आपको कुछ बातें ध्यान रखनी होगी

1) अपने हाथों को अच्छे से साफ करें
 
2) खांसते या छींकते हुए मुंह पर कपड़ा जरूर रखें
 
3) यात्रा करते वक्त हैंड सेनेटाइजर और मास्क का इस्तेमाल करें
 
4) दूसरों की निजी वस्तुएं ना छुएं
 
5) रुबेला की वैक्सीन जरूर लगवाएं
 
 

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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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