क्या एटेनोलोल बीपी की अच्छी दवा है | Atenolol Tablet Uses in Hindi

 
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Atenolol Tablet Uses in Hindi - एटेनोलोल हार्ट के मरीजों को लिखी जाने वाली दवाई है। एटेनोलोल दवाई का उपयोग ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में किया जाता है। 
 
आईए जानते हैं की एटेनोलोल का क्या उपयोग है, एटेनोलोल के साईड इफैक्ट्स क्या हैं और एटेनोलोल किस तरह काम करती है।
 

एटेनोलोल किस तरह काम करती है  - Mode of Action of Atenolol Tablet in Hindi

एटेनोलॉल एक बीटा ब्लॉकर दवाई है। बीटा रिसेप्टर्स हमारे पूरे शरीर में पाए जाते हैं। 

बीटा रिसेप्टर्स मुख्यता दो प्रकार के होते हैं बीटा-1 रिसेप्टर्स और बीटा-2 रिसेप्टर्स। 

बीटा-1 रिसेप्टर्स मुख्यता हृदय में पाए जाते हैं और इनके उत्तेजित होने पर ही हृदय की धड़कन और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। 

बीटा-2 रिसेप्टर्स पूरे शरीर में पाए जाते हैं। एड्रेनालाईन बीटा-1 रिसेप्टर्स को उत्तेजित करने का काम करते हैं। 

एड्रेनालाईन बीटा रिसेप्टर्स से जुड़कर इन्हें उत्तेजित करती है। बीटा ब्लॉकर्स एड्रेनालाईन को बीटा-1 रिसेप्टर्स पर काम करने से रोक देती है। 

जिसकी वजह से एड्रेनालाईन इन रिसेप्टर्स पर अपना काम नहीं कर पाता है और हार्ट पर दबाव नहीं पड़ता है।

एड्रेनालाईन के कारण ही नसें सिकुड़ती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ता है जब एड्रेनालाईन अपना काम नहीं कर पाता तो हमारी खून की नसें रिलैक्स हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है।

बीटा ब्लॉकर्स हृदय की धड़कन को भी कम कर देती है जिससे हृदय को ब्लड पंप करने में आसानी होती है।

 

एटेनोलोल किस बीमारी में उपयोग की जाती है - Atenolol Tablet Uses in Hindi

1) ब्लड प्रेशर को कम करने में

2) एनजाइना (Angina) के दर्द को कम करने में

3) हृदय की अनियमित धड़कन को नियंत्रित करने में 

4) हार्ट अटैक के बाद हार्ट के ऊपर पड़ने वाले तनाव को कम करने में 

5) स्ट्रोक को रोकने में

6) माइग्रेन को रोकने में

7) हार्ट अटैक के खतरे को कम करने में 

8) किडनी की बीमारी में
 

एटेनोलोल के सामान्य साईड इफैक्ट्स - Atenolol Tablet Side Effect in Hindi

1) चक्कर आना

2) ठंडे हाथ पैर 

3) सरदर्द होना 

4) कब्ज होना

5) डायरिया होना

6) सांस लेने में दिक्कत होना

7) अधिक थकान लगना

8) पैरों में दर्द होना

9) ब्लड प्रेशर का कम हो जाना

10) नपुंसकता आ जाना

इस दवाई के साईड इफैक्ट्स अधिकतर लोगों में महसूस नहीं होते हैं। जिन लोगों में Atenolol के साईड इफैक्ट्स महसूस होते हैं तो यह 2 या 3 दिन में अपने आप ठीक हो जाते हैं। 
 
अगर साईड इफैक्ट्स 3 दिन के अंदर ठीक ना हों तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 
 
अगर आपको दवाई खाने के बाद सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, घबराहट बढ़ रही हो या हार्ट बीट असामान्य लग रही हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
 

एटेनोलोल का अन्य दवाइयों के साथ इंटरेक्शन

Atenolol कुछ दवाईयों के साथ देने पर इसका असर कम या ज्यादा हो सकता है। 

1) दिमाग की दवाईयां खासतौर पर MAOIs इसके असर को बढ़ा देती हैं जैसे Isocarboxazid, Phenelzine, Selegiline, Tranylcypromine ईत्यादि।

2) हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने वाली दवाईयां Atenolol के साथ देने पर आपकी हार्ट रेट और कम हो सकती हैं जैसे Digitails, Amiodarone, Disopyramide ईत्यादि।

3) कैल्शियम चैनल ब्लॉकर भी ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए दी जाती हैं। इनको Atenolol के साथ देने पर इसकी क्षमता और बढ़ जाती है। 
 
इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के ये दोनों दवाईयां खुद ना लें। कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स हैं Amlodipine, Diltiazem, Felodipine, Verapamil, Nisoldipine, Nifedipine ईत्यादि।
 
4) अल्फा ब्लॉकर्स को भी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए दिया जाता है। इनको बीटा ब्लॉकर्स (Atenolol) के साथ देने पर ये ब्लड प्रेशर बहुत कम कर देती हैं जैसे Methyldopa, Prazosin, Clinidine ईत्यादि।
 
5) दर्द निवारक दवाईयां भी Atenolol के साथ इंटरेक्ट करती हैं और ये Atenolol के असर को कम कर देती हैं। जैसे Indomethacin
 
6) डायबिटीज और अस्थमा की कुछ दवाईयों के साथ भी Atenolol इंटरेक्ट करती है इसलिए अगर आपको डाइबिटीज या अस्थमा हो तो अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं।

एटेनोलोल का फार्माकोकाइनेटिक्स - Pharmacokinetic of Atenolol in Hindi

Atenolol दवाई की बायोविलेबिलिटी 50% होती है। इस दवाई की हमारे ब्लड में अधिकतम मात्रा 2 से 4 घण्टे बाद आती है। 
 
अगर इसको आईवी के रूप में दिया जा रहा है तो 5 मिनट्स में यह 50% बायोविलेबल हो जाती है।
 
Atenolol मूत्र मार्ग से निकल जाती है और इसकी हॉफ लाईफ 7 घण्टे की होती है।

Atenolol फैट के साथ आसानी से नहीं घुलती इसलिए यह हमारे दिमाग पर अधिक असर नहीं डाल पाती और यह दवाई ब्लड ब्रेन बैरियर भी आसानी से क्रॉस नहीं कर पाती है।
 
Atenolol का मेटाबोलिज्म लिवर में होता है।
 

एटेनोलोल दवाई की क्षमता

Atenolol दवाई 25 mg, 50 mg और 100 mg में आती है। इसके आईवी भी आते हैं जो 0.5 mg/mL होते हैं। 
 
इसको हम कभी भी ले सकते हैं बेहतर यही होगा की आप अपने डॉक्टर के कहे अनुसार ही दवाई खाएं।
 

किडनी और लिवर के मरीजों को एटेनोलोल खाते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए

Atenolol का 5% ही लिवर में मेटाबोलिज्म होता है इसलिए यह लिवर की बिमारी वाले मरीजों के लिए सुरक्षित है और डोज बदलने की कोई जरूरत नहीं होती है।

किडनी के मरीजों को इसकी डोज का ध्यान रखना जरूरी होता है। अगर मरीज का क्रिएटिनिन क्लीयरेंस 30 mL/minutes है तो डोज बदलने की कोई जरूरत नहीं है।

अगर मरीज का क्रिएटिनिन क्लीयरेंस 10 से 30 mL/minutes के बीच में है तो एक दिन में अधिकतम 50 mg दवाई ही दे सकते हैं।

अगर मरीज का क्रिएटिनिन क्लीयरेंस 10 mL/minutes से कम है तो एक दिन में अधिकतम 25 mg दवाई ही दे सकते हैं।
 

गर्भावस्था में एटेनोलोल कितनी सुरक्षित है

Atenolol गर्भावस्था में नहीं दी जाती है। यह सुरक्षित नहीं है और कैटेगरी D में आती है। 
 
Atenolol स्तनपान कराने वाली महिलाओं में भी नहीं दी जाती है।
 

एटेनोलोल कितनी देर में असर करना शुरू करती है

Atenolol को अपना असर दिखाने में 2 से 3 घंटे लग जाते हैं। इसके पहले यह असर नहीं करती। 

Amlodipine और एटेनोलोल टेबलेट एक साथ क्यों दी जाती है - Amlodipine and Atenolol Tablets Uses in Hindi

Amlodipine और Atenolol दवाईयों का इस्तेमाल हाई ब्लड प्रेशर को कम करने और एनजाइना के दर्द को कम करने लिए किया जाता है। 
 
यह दो दवाईयों का कॉम्बिनेशन है जिसमें अधिकतर Amlodipine 5 mg और Atenolol 50 mg का इस्तेमाल किया जाता है। 
 
Amlodipine कैल्शियम चैनल ब्लॉकर है और यह हृदय की नसों को रिलैक्स करके हृदय पर तनाव को कम करता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। 
 
इन दोनों दवाइयों का कॉम्बिनेशन मिलाकर दिया जाता है क्योंकि यह हाई ब्लड प्रेशर को अच्छे से नियंत्रित करती हैं और एनजाइना के दर्द को कम करती हैं। 
 
यह कॉम्बिनेशन हार्ट अटैक को रोकने, स्ट्रोक को रोकने और हार्ट अटैक के बाद हृदय पर पड़ने वाले तनाव को कम करती हैं।
 
 
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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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