नवजात शिशु में पीलिया क्यों होता है | Causes of Jaundice in Newborn in Hindi

 
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Causes of Neonatal Jaundice in Hindi - पीलिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें हमारे शरीर का रंग पीला पड़ने लगता है। 
 
शरीर के पीले पड़ने का मुख्य कारण है हमारे शरीर में बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ जाना। 
 
बिलिरुबिन एक ऐसा पदार्थ है जो हमारे शरीर के रेड ब्लड सेल्स के टूटने से बनता है। 
 
ये टूटा हुआ डेड सेल हमारे लिवर द्वारा मेटाबोलाइज करके मल-मूत्र के रास्ते निकाल दिया जाता है। 
 
जब ये बिलिरुबिन हमारे शरीर में ज्यादा हो जाता है तो हमारा शरीर इसे बाहर नहीं निकाल पाता और ये हमारे ब्लड में आ जाता है। 
 
जिसके कारण हमारा शरीर पीला पड़ने लगता है। जिसे हम पीलिया कहते हैं। लगभग 60% न्यू बॉर्न बेबीज को पीलिया होता है।

पैदा हुए बच्चों में पीलिया होने का कारण - Causes of Jaundice in Newborn in Hindi

जब बच्चे मां के पेट में होते हैं तो मां का लिवर बच्चों के बिलिरुबिन को निकाला करता है। 
 
लेकिन पैदा होने के बाद बच्चे के लिवर का काम होता है की अधिक मात्रा में बने बिलिरुबिन को निकालना शुरू कर दे। 
 
कई कारणों से जब बच्चे के शरीर का लिवर बिलिरुबिन नहीं निकाल पाता तो यह बच्चे के शरीर में जमा हुआ करता है जिससे की बच्चे को पीलिया हो जाता है। अन्य कारण

1) सेप्सिस (ब्लड में इंफेक्शन)

2) जन्म के समय चोट लगना

3) ब्लड में RBC की अधिक मात्रा

4) लो ऑक्सीजन लेवल

5) पित्त की नली में रुकावट

6) इंटरनल ब्लीडिंग

7) बैक्टिरियल या वायरल इंफेक्शन

8) लिवर में समस्या

9) बच्चे का ब्लड ग्रुप माता पिता से अलग होना

क्या होगा अगर इसका ईलाज ना किया जाए

बच्चों के पीलिया होने पर यदि ईलाज ना करवाया जाए तो यह बच्चों में कर्निक्टेरस (Kernicterus) नामक बीमारी कर देता है। 
 
इसके कारण बच्चों के दिमाग को नुकसान पहुंचता है। यह ब्रेन डैमेज करने लगता है और इसके अलावा यह बच्चों की सुनने की क्षमता को कम कर देता है। 
 
बढ़ा हुआ पीलिया बच्चों में एथेटॉयड सेरेब्रल पाल्सी (Athetoid Cerebral Palsy) कर देता है जिसके कारण बच्चों का उनकी मांसपेशियों पर कंट्रोल खत्म या कम हो जाता है। 
 
ऐसे बच्चे चलने फिरने तक में सक्षम नहीं हो पाते। वैसे ज्यादातर मामलों में पीलिया पैदा होने के हफ्ते भर में ही ठीक हो जाता है। 
 
अगर हफ्ते भर में पीलिया ठीक ना हो तो बच्चे को डॉक्टर को दिखवाना चहिए।


बच्चों में पीलिया के प्रकार - Types of Jaundice in Newborn in Hindi

1) नॉर्मल जॉन्डिस

ज्यादातर बच्चों में नॉर्मल जॉन्डिस होता है और यह हफ्ते भर में अपने आप ही ठीक हो जाता है। 

2) प्रीमैच्योरिटी जॉन्डिस

जो बच्चे समय से पहले पैदा हो जाते हैं उनका लिवर ढंग से विकसित नहीं होता इसलिए वो बिलिरुबिन को हमारे शरीर से नहीं निकाल पाते। ईलाज करवाने से ये सही हो जाता है।

3) ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस

जिन बच्चों को मां का दूध नहीं मिल पाता उनको भी जॉन्डिस हो जाता है। कई बार मां को दूध नहीं आता या किसी मेडिकल कारणवश मां को बच्चे से अलग होना पड़ता है तो ऐसे बच्चों में ब्रेस्टफीडिंग जॉन्डिस हो जाता है।

4) ब्रेस्टमिल्क जॉन्डिस

कई बार मां के दूध में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिनके कारण बच्चों में पीलिया हो जाता है। ऐसा जॉन्डिस तीन से पांच दिन बाद शुरू होता है और दो तीन हफ्तों में सही हो जाता है।
 

बच्चों में पीलिया की जांच - Diagnosis of Jaundice in Newborn in Hindi

अगर पैदा होने के बाद आपके बच्चे का रंग पीला हो जाता है या कुछ समय बाद पीला होना शुरू हो जाता है तो डॉक्टर बिलिरुबिन और CBC का टेस्ट करवाते हैं। इससे हमें जॉन्डिस का पता चल जाता है।

बच्चों में पीलिया का ईलाज - Treatment of Jaundice in Newborn in Hindi

अधिकतर मामलों में बच्चो में पीलिया के ईलाज की जरूरत नहीं पड़ती। 
 
यह अपने आप ही ठीक हो जाता है लेकिन एक हफ्ते बाद भी शरीर पीला रहे तो डॉक्टर बच्चे को फोटोथेरेपी देते हैं। 
 
जिसमे बच्चे को एक एक स्पेशल लाईट के नीचे रखा जाता है और उनकी आंख ढक दी जाती है ताकि आंखों को नुकसान ना पहुंचे। अधिकतर बच्चे फोटोथेरापी से ठीक हो जाते हैं। 
 
जो बच्चे फोटोथेरेपी से ठीक नहीं हो पाते उनको ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाता है। वैसे ब्लड ट्रांसफ्यूजन बहुत ही कम मामलो में किया जाता है। 
 
अगर आप अपनें बच्चे को दिन में कई बार ब्रेस्टफीड करवाएंगी तो भी पीलिया खत्म हो जाता है।
 
 

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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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